आपकी जिंदगी की कीमत क्या और कितनी है? What is the value of your own life
एक शिष्य ने अपने guru से पूछा, आचार्य मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है, वास्तव में मेरे जीवन का मूल्य (value) क्या है ? Guru थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा तुम यही रुको मैं भीतर से आता हूँ, गुरु जी अपने कक्ष से बाहर निकल कर उस शिष्य को कुछ काँच के पत्थर दिए और कहा इन्हें रखो और इन्हें बाज़ार में जा कर बेचने का प्रयास करो और जब कोई कीमत पूछे तो बिना कुछ बोले अपनी 2 उँगलियाँ हवा में उठा देना, पर याद रहे इसे बेचना नहीं है बस इसकी कीमत सुन के आ जाना, इसे सबसे पहले कबाड़ी के यहां ले जाना और फिर इसे सब्जी वाले और अंत में इसे किसी सोनार (jwaller) के दुकान पर ले जाना, शिष्य ने कहा जो आज्ञा गुरुदेव और वहाँ से बाज़ार की ओर चल दिया। Ye bhi pdhe - # 20 % efforts me 80% rijults ? The Parreto principal # 5 laws to set smart goal and archive easil शिष्य सबसे पहले कबाड़ी की दुकान पर गया और मालिक के सामने काँच के पत्थर रख दिए, मालिक ने उसकी कीमत पूछी तो शिष्य ने वादे के मुताबिक अपनी दो उँगलियाँ हवा में उठा दी, उस कबाड़ी वाले ने कहा 2 ₹, इसे ज्यादा बिल्कु...